गरीबों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में मोदी सरकार की किफायती बीमा एवं पेंशन योजनाओं को लेकर लोगों, विशेषकर कमजोर वर्ग, में भारी उत्साह है और उन्हें यह लगने लगा है कि कोई अनहोनी होने पर उनके परिजन “दाल-रोटी” के लिए नहीं तरसेंगे।
गत नौ मई को कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई किफायती योजनाओं में प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना लोगों में पैठ बनाती नजर आ रही हैं और इनकी गूंज आम आदमी में सुनी जा सकती है।
इन योजनाओं की बढ़ती लोकप्रियता का आलम यह है कि लोगों को अब चलते-फिरते यह कहते हुए सुना जा सकता है कि यदि उसे कुछ हो जाता है तो अब परिजनों को कुछ बीमा राशि तो मिल ही जाएगी।
बड़ी मुश्किल से अपने सात-सदस्यीय परिवार का पेट भर पाने वाले हरिद्वार के राम अवतार ने कहा कि उसने बीमा करा लिया है और अब उसके साथ कोई अनहोनी होने पर उसके बच्चों को दाल रोटी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा।
बड़ी संख्या में बैंक खाताधारक, खासकर प्रधानमंत्री जनधन योजना के खाताधारक इन योजनाओं के बारे में जानकारी पाने को बेताब नजर आ रहे हैं। इन तीन योजनाओं को हाथोंहाथ लेने का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दो लाख रुपए की दुर्घटना बीमा कवर वाली सुरक्षा बीमा योजना के शुरू होने के कुछ दिनों के भीतर ही सात करोड़ लोग इससे जुड़ चुके हैं।
इतनी ही राशि के बीमा कवर वाली जीवन ज्योति बीमा योजना के प्रति भी लोगों में जबर्दस्त आकर्षण दिखाई दे रहा है, लेकिन अटल पेंशन योजना जैसी दीर्घकालिक पेंशन योजना की सफलता के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी।
आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि गरीबों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरने लगी हैं और तीनों किफायती बीमा एवं पेंशन योजनाओं की जिस तरह की गूंज आम आदमी के बीच सुनी जा रही है, उससे आगे जाकर ये योजनाएं “गेमचेंजर” साबित हो सकती हैं।
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