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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री जनधन योजना(पीएमजेडीवाई) को आज एक साल हो गया। इस मौके पर वित्त मंत्रालय ने बताया कि पिछले एक साल के भीतर जनधन योजना के तहत देश भर में 17.74 करोड़ से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं जिनमें लोगों ने 22,000 करोड़ रुपए जमा कराए हैं।
वित्त मंत्रालय के अनुसार जनधन योजना के लिए प्रत्येक परिवार के एक सदस्य का खाता खोलने के तय लक्ष्य को 26 जनवरी 2015 को ही पूरा किया जा चुका है। हालांकि जम्मू कश्मीर और कुछ नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस योजना पर काम होना बाकी है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को इस योजना की घोषणा लाल किले से की थी। जिसके बाद 28 अगस्त 2014 को दुनिया के इस सबसे बड़े फाइनेंशियल इंक्लूजन प्रोग्राम की शुरुआत हुई थी। 23 से 19 अगस्त के बीच पीएमजेडीवाई योजना के तहत 18,096 खाते खोले जाने पर के बाद इस योजना को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में शामिल किया जा चुका है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार इस योजना के तहत प्रत्येक परिवार के कम से कम एक सदस्य का साधारण बचत खाता खोला जाना था। इसमें पर खाताधारक को 5000 रुपए के ओवरड्राफ्ट और 1 लाख रुपए के एक्सीडेंट इंश्योरेंस के साथ रुपे डेबिट कार्ड मुहैया कराया गया है। इसेक साथ ही प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंपी जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना का लाभ भी जनधन खाता धारक को उपलब्ध कराया जा रहा है।
- प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत पिछले एक साल में 17.74 खाते खोले गए। जिसमें खाताधारकों ने 22,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई।
- योजना के तहत खोले गए 41.82 फीसदी खाते आधार से लिंक कराए जा चुके हैं।
- बैंकिंग सुविधाओं के विस्तार के 1.26 लाख बैंक मित्र बनाए गए।
- फाइनेंशियल लिट्रेसी बढ़ाने के लिए 1,31,012 कैंप आयोजित किए गए।
- करीब 10 लाख खाते ओवरड्राफ्ट की सुविधा हासिल योग्य पाए गए। जिसमें से 1,64,962 खाताधारकों ने ओवरड्राफ्ट सुविधा का फायदा उठाया।
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 847 क्लेम हासिल हुए। वहीं एक्सीडेंट इंश्योरेंस के लिए 389 क्लेम्स प्राप्त हुए।
- प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत 22 अगस्त 2015 तक 8.17 करोड़ लोगों ने पंजीकरण कराया है। वहीं प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना में 2.76 करोड़ एन्रोलमेंट हुए हैं। इसके अलावा 6.83 लोगों ने अटल पेंशन योजना के तहत पंजीकरण कराया है।
- 19 अगस्त 2015 तक जीरो बैलेंस वाले खातों की संख्या 76 फीसदी से घटकर 45.74 फीसदी तक आ गई है।
source bhaskar
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