प्रधानमंत्री जन-धन योजना में इंश्योरेंस कवर से राजधानी के 20 हजार सहित प्रदेश के 2 लाख 10 हजार लोग इसलिए बाहर हो जाएंगे, क्योंकि छत्तीसगढ़ कई जिलों में अभी भी जन-धन योजना का बैंक पासबुक और रुपे-कार्ड लोगों के हाथों तक नहीं पहुंच पाया है। स्टेट लेवल बैंक कमेटी से मिली जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 20 से 30 फीसदी लोगों को अभी तक रुपे कार्ड नहीं मिला है, जबकि इस कमेटी को तय समय सीमा में बैंक पास बुक और कार्ड की उपलब्धता करानी थी।
प्रधानमंत्री जन-धन योजना में इंश्योरेंस कवर से रायपुर के 20 हजार सहित प्रदेश के 2 लाख 10 हजार लोग इसलिए बाहर हो जाएंगे, क्योंकि छत्तीसगढ़ कई जिलों में अभी भी जन-धन योजना का बैंक पासबुक और रुपे-कार्ड लोगों के हाथों तक नहीं पहुंच पाया है।
9 मई की योजना से भी होंगे बाहर
9 मई को देशभर में एक साथ लांच होने वाले प्रधानमंत्री जीवन ज्योति और अटल पेंशन योजना से भी प्रदेश के हजारों लोग बाहर हो सकते हैं। बैंक पासबुक नहीं होने के कारण ये स्कीम योजना से लिंक नहीं हो पाएगी।
यह है वजह
बैंक प्रबंधन ने अपना बचाव करते हुए पासबुक और रुपे कार्ड नहीं मिलने और लेटलतीफी की जिम्मेदारी डाकियों पर डाल दी है। उनका कहना है कि अप्रैल महीने में सात दिनों तक हड़ताल के कारण काम-काज प्रभावित हुआ।
प्रदेश में 70 लाख खाते खुले, 2 लाख 10 हजार वंचित
स्टेट लेबल बैंक कमेटी (एसएलबीसी) के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में 70 लाख खाते खोले जा चुके हैं। इसमें से 70 फीसदी लोगों को रुपे कार्ड जारी किए जा चुके हैं।
45 दिन में करना है ट्रांजिक्शन
एक लाख रुपए तक के एक्सीडेंटल इंश्योरेंस कवर के लिए अकाउंट होल्डर को 45 दिनों के भीतर कम से कम एक बार ट्रांजिक्शन करना जरूरी है, लेकिन स्थिति यह है कि पासबुक बिना ट्रांजिक्शन कैसे करें। इस दरमियान अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर उन्हें इंश्योरेंस कवर का लाभ नहीं मिलेगा।
– यह सच है कि सभी लोगों तक बैंक पासबुक और रुप कार्ड नहीं पहुंच पाया हैं। डाकघरों में हड़ताल के कारण भी लेतलतीफी हुई है।
के. श्रीधर राव, चीफ मैनेजर, एसएलबीसी (छत्तीसगढ़)
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